Saturday 22 November 2014

मैं नहीं चाहता की तू मुझ को दुआ दे
मैं नहीं चाहता की तू मुझे वफ़ा दे
मैं नहीं चाहता की रब से मेरे लिया कुछ मांग
पर में चाहता हूँ , तूं हर पल खुश रह !!
यह क्या मेरे लिए किसी दुआ से कम है
तूं खुश है तो मेरा मन भी खुश है
तुझ को खुश देख लूं तो समझूंगा की दुआ कबूल है
मेरा यार सुखी तो मेरा दिल खुशगवार है !!
अजीत
लूटने को तो जहान में कमी नहीं किसी की
बस इन्तेजार में रुकी हुई है यह दुनिया
उनका बस चले तो नोच लें बोटी बोटी
उन को परवाह नहीं,उनके लिए है इसी काम की दुनिया !!
अजीत
तेरे आंसूओं के सैलाब ने रोक ली राहें मेरी
नहीं तो गुजर जाती सारी कायनात साथ मेरे
तभी तो कहते हैं..चाहे कोई दिल से बुलाये या न
बस यह ऑंखें बहा के आंसू, बुला ही लेती है यार मेरे !!
अजीत
हमारी वफा से वो न कर सके बेवफाई
शायद मोहोबात अब उनकी समझ में आयी
इक शक को लगा के सीने से न जाने किस
बात पर सच्चे प्यार पर यूं ऊँगली उठाई !!
अजीत
तुम्हारी दोस्ती ने आज समझाया है सब को
की दोस्त बना के रखना , कभी दूर न जाना
तिनका भी पड़ा हुआ जमीन पर, कभी
न कभी इंसान के काम आ ही जाता है !!
अजीत
वो कहते हैं,,हम से..की भूल सको तो भूल जाओ
क्या भूलाने के लिए, तुम को इतना पास बुलाया था
भूलने की आदत नहीं रखता हूँ जिगर में ओ कहने वाले
उसी से तो आज जो खड़ा हुआ मैने महल बनाया था !!
अजीत
तेरी दोस्ती पर मिटेंगे , न आंच आने देंगे तुम पर
बड़ी मुश्किलों के बाद मिला है तुम सा निभाने वाला
स्वार्थ पर चलते हैं वो जिन को काम है बस हवस का
मैने तो खुदा से साथ माँगा था, तुझ सा साथ चलने वाला !!
अजीत
तेरी यादो को सीने से लगा के, जी लेते हैं
जख्म जो दिए थे, उन को सहजा लेते हैं
गम को बना के सहारा अपनी जिन्दगी का
हम तो फिर से तुझी को याद कर लेते हैं !!
अजीत
गम का सहारा मिला तो जीने का अंदाज बदल गया
हम को तो तेरी हर बात का अब इशारा ही मिल गया
रुखसत होती हुई इस शाम में ओ बेदर्द मेरे यार
किये हुए वादे निभाने का तेरा अब अंदाज बदल गया !!
अजीत
वो महफ़िल नहीं कुछ काम की, जहाँ तेरा जिक्र न हो
में बैठा रहू यहाँ बेखबर और तेरी मुझ को फ़िक्र न हो
इतना तो दिल नहीं मेरा , की खिलोनो सा खेल जाये
ठोकर लगे तुझ को जरा सी, और मेरे सीने में हलचल न हो !!
अजीत
अकेले चलने का अंदाज , मैने खुद ही पाया है
रूकना और रूक के फिर बढ़ना, खुद को सिखाया है
तूफानों का काम है, की रोक दो रास्ता सभी का
मैने तो तूफानों के बिच से भी रास्ता बनाया है !!
अजीत


तुम्हारी दूरिओं से शिकवा नहीं करता
करता हूँ उस दूरी से बस जो इतना दूर
तुम को किये हुए है, पास आने नहीं देती
और दूर हम को जाने ही नहीं देती !!
अजीत
हकीकत तो यही है, की इंसान लाचार है
किसी न किसी के प्यार में वो बीमार है
याद करता और खुद जख्म भरता है
शायद इसी का नाम दोस्त प्यार है !!
अजीत

Friday 23 May 2014

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दुनिया में किसी की चाहत क्या कर जाये नहीं मालूम
हम को तो बस ये पता है, वो चाहते हैं हमको कुछ इस तरह
जैसे दूध में पानी का समावेश हो जाता है , तो क्या जाने
वो किस अंदाज में चाहते हैं हम को , यह नहीं मालूम !!
अजीत तलवार
मेरठ
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 इंसान हैं, कोई भगवान् तो हैं नहीं
जो अंतर्मन से कुछ समझ पायें
न जाने क्या शिकवा हुआ है
की हर पल तेरी ही याद आये !!

अजीत तलवार
मेरठ

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मैने नहीं की शिकायत कभी कि तुम मुझ से दूर हो
पर वो दिल की धड़कन रोजाना तुझे याद किया करती है !!

अजीत तलवार
मेरठ

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 मैने याद से कहा कि न आया करो सामने मेरे 
सही नहीं जाती है जुदाई न आया करो सामने मेरे
अपना हाल अब खुद ही नहीं संभाल पाता हूँ 
तुझे सामने देख कर बह जाती हैं हैं आँखें मेरी !!!!

अजीत तलवार
मेरठ
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अंदाज उनका देख कर लगता नहीं की वो हम से मोहोब्बत नहीं करते
करते तो जरूर हैं, मगर अब फिर से वो लगता है इज़हार नहीं करते !!

अजीत तलवार
मेरठ

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प्यार ने बहुत तडपाया और रुलाया इन आँखों ने
कभी हम ने इनको देखा तो कभी अपने हाल को देखा
क्यूं सितम देते हैं दुनिया में लोग किसी को न मालूम
जब निभाना नहीं था, तो क्यूं मझधार में छोड़ा !!!!!

अजीत तलवार
मेरठ

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जिन्दगी ने बड़े दर्द दिए
दर्द भी बड़े बेदर्द दिए
होश में न रहने के लिए
न जाने क्या क्या सितम किये !!

अजीत तलवार
मेरठ
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गिर के जो संभल गया वो इन्सान है
जिस ने किसी को गिरा दिया वो शैतान
हम ने तो गिरते हुए को संभाला है
शायद लिखा था तक़दीर में मेरे यह काम !!

अजीत तलवार
मेरठ
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हमने तो बहुत पुकारा तेरा नाम , दिल को समझा के
पर वो कहता था, गलत फ़हमी में न जिया करो यार
उनको अगर होना होता न तुम से प्यार ओ पागल
अब तक भेज चुके होते तेरे लिए अपना फरमान !!

अजीत तलवार
मेरठ

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दूरियां घटा कर जो हम ने अपनी चाहत बना डाली
उनके लबों की हंसी को अपनी फितरत बना डाली
उनके मुस्कुराने का अंदाज इतना ज्यादा निराला है
हम ने तो उनके साथ अपनी सारी दुनिया बना डाली !!
अजीत तलवार
मेरठ
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तूफ़ान के आने से पहले जो शांति थी
जिन्दगी का दिया बुझने से पहले हंसी थी
लब बस इतना ही कहने को व्याकुल हो रहे थे
ऐ खुदा जितनी भी जिन्दगी दी,बड़ी अच्छी दी !!

अजीत तलवार
मेरठ
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जिन्दगी अब तक तेरे सवालो को पास किया है मैने
फिर भी गमो के साथ साथ ख़ुशी तलाश की है मैने
न जाने क्यूं ख़ुशी को जब पास पाकर खुश होता हूँ
बस उसी वकत गमो का तूफानी वार किया है तूने !!

अजीत तलवार
मेरठ
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धुप छांव सी है यहाँ पर जिन्दगी
रोज संवरती और बिगडती है जिन्दगी
हालत से मजबूर है हर इंसान यहाँ
कभी ख़ुशी और कभी गम दे जाती है जिन्दगी !!

अजीत तलवार
मेरठ
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अच्छे वक्त की तलाश होती है सबको
बुरे के आने से घबरा जाते हैं सब
काश अगर सारा वक्त अच्छा ही होता
तो बुरे को कौन याद करता मेरे दोस्त !!

अजीत तलवार
मेरठ
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Textआपने फूलों से और मैंने काँटों से दोस्ती की है
दिल को समझाने के लिए इन से मोहोब्बत की है
नाजुक कलिओं को सब प्यार कर लेते हैं न
हम ने तो उन सब से ही बगावत जो की है !!

अजीत तलवार
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जी न पाओगी तुम मेरे बिना ध्यान रखना 
रोज रोज मुझे याद न किया करो तुम ऐसे
बड़ा ही बेदर्द है इतना लगाव रखना
दिल को समझा लो, वरना परेशां रहोगी ऐसे !!

अजीत तलवार
मेरठ
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सलीके से आना अगर आना हो मेरी जिन्दगी में
मैने पहले ही बहुत से जख्म खाए हैं यहाँ दुनिया से
कुरेदने को तो कारवां चला आता है तनहा करने
जख्म पर मलहम लगाने वाले को तलाश रहा हूँ !!

अजीत तलवार
मेरठ

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तेरी नजर में शायद में बुरा सही, हो सकता है
मैने अपनी नजरों को भी समझाया है तेरी खातिर
की झुक जाया कर जब वो ,आ जाया करे उन्हें देख कर
कहीं वो गलत न समझे , प्यार में अक्सर हो जाता है !!

अजीत तलवार
मेरठ
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तेरी महफ़िल ने पुकारा था, तो में आ गया
तुझे देखते ही समां जैसे मेरे पास आ गया
फुर्सत मिले गी तो देख लेना मुझे जी भर के
न जाने अगला समां कैसा हो ,हम हो न हों !!

अजीत तलवार
मेरठ

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अभी तो मंजिल नहीं आयी, आप ने हाथ छुड़ा लिया
यह आपने कैसा हम हो सिला दिया
रास्ता कठिन है, पर मंजिल आसान है
साथ साथ चलेंगे तभी तो जिन्दगी आसान है !!

नमस्कार सभी को 

अजीत तलवार
मेरठ

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ढूंढे से भी न मिला दिल का इलाज करने वाला हकीम
तलाश में उस के सारी दुनिया , में खुद को घुमा दिया
बड़ी मुश्किल से मिला वो एक , सूने सूने नगर में
देख के बोला, की , इस मर्ज का , मैं खुद मारा हूँ !!

अजीत तलवार
मेरठ  Photo: ढूंढे से भी न मिला दिल का इलाज करने वाला हकीम
तलाश में उस के सारी दुनिया , में खुद को घुमा दिया
बड़ी मुश्किल से मिला वो एक , सूने सूने नगर में
देख के बोला, की ,  इस मर्ज का , मैं खुद मारा हूँ !!

अजीत तलवार
मेरठ



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मोहोब्बत निभानी हो तुम को मुझ से, तो शर्तो को छोड़ देना
मुझे आदत नहीं है, की में शर्तो के साथ जीवन भर रहूँ
बस मन में विश्वाश के धागे को मजबूत बना के रखना
तो देखना , हमारी तुम्हारी मिसाल, जमाना देगा सब को !!

अजीत तलवार
मेरठ
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कुछ चाहत तो नहीं रखता हूँ में तुमसे
कि साथ निभा ही जाओगी जीवन भर
पर कसम खाई है , मैने तुम्हारे लिए
कि जीवन भर तुम्हारा साथ निभाने की !!

अजीत तलवार

मेरठ
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जिस्म पर खाए हुए निशान तो चले जायेंगे
पर दिल पर जो चोट लगी कैसे हटायें उसको
हर पल संभाला बहुत ,बाहर लगी हुई चोटों को
पर दिल की लगी हुई, कैसे समझाएं उसको !!

अजीत तलवार
मेरठ

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तुझे देख कर तो चाँद भी शरमा जाये
में तो यहाँ क्या चीज हूँ, , नशवर सी
वो तो नशवर नहीं है न, फिर भी देखो
तुम को देखते ही शरमा सा जाता है !!!

अजीत तलवार
मेरठ
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