Friday 25 April 2014

बहला कर चले जाते हैं यह सपने हम सब को
हम इन को अपना बना लेते हैं जीने के लिए
जीवन में अगर न देखे हम यारो सपने 
तो यह खुद ही निशाँ अपने छोड़ देते हैं रोने के लिए !!

Ajeet Talwar 
Meerut
ख्वाब न देखा करो दिन में मेरे दोस्त
यह रात के साथी होते हैं
छोड़ देते हैं यादों के निशाँ अपने 
यह तो किसी के भी साथी नहीं होते हैं !!

अजीत तलवार
मेरठ
यह तो जरूरी नहीं कि जिस को तुम चाहो वो मिल जाये
तुम्हारी हर आह पर उस का भी दम निकल जाये
मुस्कुरा के वो पास से अगर तुम्हारे निकल जाये
यह मुमकिन तो नहीं की तुम्हारी वो संगिनी बन जाये !!

अजीत तलवार
मेरठ
जरूरी नहीं की में मिलने को तरसता हूँ
बस तेरी हर बात पर इक आह सी भरता हूँ
याद ने कमबख्त कहीं का न छोड़ा
यह सोच के फिर से में आहें भरता हूँ !!

अजीत तलवार
मेरठ
वो शाम कुछ अजीब थी
यह शाम भी अजीब है
मिलने का मन हुआ उनसे
देख तो वो मेरे करीब हैं !!

अजीत तलवार
मेरठ
दिल से न कोई शरारत कर देना मेरे
यह बड़ा मासूम है सहन न कर सकेगा
धोखा देने को चले आते हैं न जाने कितने
ऐसा कोई दगा न देना सहन न कर सकेगा !!

बड़ी उल्फत सी है इन प्यार करने वालो की
शरारत को दिखा के कर देते हैं बहाना
दिल तो यह छोटा सा बच्चा ही तो है 
ठोकर न लगा देना, सहन न कर सकेगा !!

अजीत तलवार
मेरठ
वो आजाद करते हैं,. न फ़रियाद करते हैं
पता नहीं किस किस को वो अब याद करते हैं
दिल लगा के जुदा हो गए हैं जो हम से
हम उनसे मिलने की हमेशां फ़रियाद करते हैं !!

अजीत तलवार
मेरठ
तेरी हर आह पर मेरा दम निकल जाता है
में सोचता हूँ, क्यूं ये दिल उभर आता है
तेरे प्यार पे कुर्बान कर दूं में अपना जीवन
फिर यह कहाँ किसी के काम आता है !!

अजीत तलवार
मेरठ
क्यूं बेवजह जेहन में लाती हो फितूर सा 
की जिन्दगी छोटी है और सफ़र लम्बा है
में कहता हूँ की प्यार को बना ले सीढ़ी
फिर देख सफ़र लम्बा है या जिन्दगी !!

अजीत तलवार
मेरठ
रास्ता बड़ा पथरीला है,,,पैदल तो चलना पड़ेगा 
संग का साथ चलने का वादा किया है चलना पड़ेगा
इक डोर ने बांध रखा है बंधन हमारे प्यार का
इस रस्ते का काँटा भी तो हमारा हमसफर बना है !!

अजीत तलवार
मेरठ
टूटते हुए सितारे से मांगी थी इक दुआ तेरे लिए
तो बन के रहना इस जहान में बस मेरे लिए
उस सितारे ने कुर्बान किया आसमान से खुद को
मैंने दुआ मांगी की जिऊँगा अब बस मैं तेरे लिए !!

अजीत तलवार
मेरठ
जिन्दा रहने के लिए हर इक सांस से गुजरना होगा
कभी इस के लिए पीना होगा तो कभी चलना होगा
न तुझे देखे तो दुःख दर्द का जहर भी हम को पीना होगा
आ जाओ हमारे पहलू में अब साथ साथ जीना-मरना होगा !!

अजीत तलवार
मेरठ
तू मिल गयी तो जैसे जमाना मेरी आगोश में आ गया
में मुस्कुराता हुआ तेरी आगोश में आ गया
ढूँढता रहा इस मुस्कराहट को में दर बदर 
तुझ से मिला तो मुझे जीने का तराना आ गया !!

अजीत तलवार
मेरठ
पिला दे अपने हाथो से साकी
न होश रहे मुझे आज यहाँ
बड़ा दर्द है मेरे सीने में
पता नहीं क्या रखा है पीने में !!

अजीत तलवार
मेरठ
जब में आया था यहाँ तो कुछ समझ न थी
कैसे लिखूं,,कैसे अपने विचारों को भेजूँ सब को
कुछ आपने सिखाया, कुछ और नया बतलाया
आ गया आपकी महफ़िल में अब में रंग भरने को !!

अजीत तलवार
मेरठ
पीने वालो का पीने का शौंक खत्म नहीं होता
मिलने वालो का इंतज़ार भी कभी खत्म नहीं होता
हम को तो आदत सी पड़ गयी है लिखने की यहाँ
जब तक न लिखें तब तक खुद को आनन्द नहीं आता !!

अजीत तलवार
मेरठ
मेरी नजर पे न रख तू अपनी नजर
यह खुद ही होश में नहीं है
मैने लाख चाहा की नजर में रह 
पर बंदा भी अब होश में नहीं है !!

अजीत तलवार
मेरठ
Sanam Bewaffa Kyoon Kete Hein Log
Khud Pe Apne Wo Kaboo Kyoon Nahin Rkhte Hein Log
Tod Dete Hein Dil ko Kaanch Ki Tarah 
Kya Un Tookdon mein Sanam Najar Nahi Attey wo Log !!

ajeet Talwar 
Meerut
Pal Bhar Ke Safar Ko
Itna Na Badha mere Sanam
Koi Gustakhi Ho Gayee To
Mausam Ka Andaaj Badal Jayega !!

ajeet Talwar 
MeeruT
Too Najar Nahi Aati to 
Najar ko bhi Meri Shrm Aati hai
Too Dikh Jaati hai Agar Inko
To Yeh Jeena Hi Bhool Jaati Hai !!

Ajeet Talwar 
Meerut
Bahana Tujhey Milne ka Lekar
Aa gaya hoon Teri Gali mein
Ik Chahat hai Aisee ki Mujhey
Wapis Nahin Jaaney Deti Is Gali Se !!

A K Talwar 
Meerut
हंसा दो, चाहे रूला दो,
बस मुझे इतना बता दो
क्या भूल हुई जो हम से
तुमने..हम को भूला दिया

अजीत तलवार
मेरठ
दर्द तो देते हैं ज़माने वाले , मरहम ढूँढना पड़ता है
अच्छे प्यार की तलाश में दर दर भटकना पड़ता है !!
पुकारेंगे लोग तूझ को मेरे जाने के बाद मेरे नाम से
क्यूं के पहले पैदा किया भगवान् ने मुझ को जहान में
काम भी कर दूंगा ऐसा की न किया हो किसी ने जहान में
रह रह कर मेरी याद आती रहेगी हर दम तेरे जेहन में !!

अजीत तलवार
मेरठ
सूरत अच्छी हो अदा अच्छी हो
जलवा अच्छा हो, चलना अच्छा हो
अगर बात करना अच्छा नहीं है
तो क्या फायदा ऐसी सूरत का ??

अजीत तलवार
मेरठ
Lafzon mein keh na saki 
Palkon Nein chhupa Na saki
Bin khe reh na saki 
Najane kya baat hai 

Har pal khabon mein 
aapki Yaad hai
is Baat ko mein
Apne dil ke bheetar
Dabba Na Saki

Ki mujhe ko Beintehaa
Tum se Pyar Hai

Ajeet talwaR
MeeruT
तेरी खूबसूरत सी अदा ने चैन छीन लिया
चैन से बैठा था दिल, उस को बेचैन किया
क्यूं अपनी बातो से तार जिन्दगी के छेड़ती हो
संगीत के हर सुर ने बस तेरा ही नाम लिया !!

Monday 21 April 2014

किसी की तकदीर में क्या लिखा है विधाता ने
यह तो वो इन्सान खुद जानता है क्या मिला है
मंजिल को संवारता है वो अपने हाथो से रोज
आगे क्या होगा,,यह तो बस भगवान् जनता है !!

अजीत तलवार
मेरठ
गिरना सीखा है तो उठाना भी सीख ले जहान में
यह तो चलन चलता रहेगा, इस पागल जहान में
गिरते को लोग और गिरा दिया करते हैं
गिरा कर चल देते हैं, सामने सब के वो बड़ी शान से !!

अजीत तलवार
मेरठ
बन संवर के निकल जाता है जब कोई सामने से
लोग दांतों तले ऊँगली दबा के कह देते हैं अल्फाज
अपने जज्बातों पर वो काबू नहीं रख पाते हैं
न जाने क्या क्या कह जाते हैं, वो तब बकवास !!

अजीत तलवार
मेरठ
तुझ को खूबसूरत बनाया है खुदा ने इतना
न किसी चीज की कमी छोड़ी है सँवारने में
क्यूं श्रृंगार कर कर के चेहरे को संवारती हो
कौन सी कमी छोड़ी है, तुझे तराशने में !!

अजीत तलवार
मेरठ
किस्मत से ज्यादा मेहनत पर भरोसा रख
खुदा तुझ को भी देगा यह विशवास रख
किसी का देख देख कर न जला खून अपना
वह देर है अंधेर नहीं, यह विशवास रख !!

अजीत तलवार
मेरठ
आये हैं तेरे शेहर में हम सफ़र करने
कुछ यहाँ से लेने,,कुछ यहाँ को देने
तन्हा बैठे हैं हम यूं ही कशमकश में
तू आये तो किस्मत हमारी संवार दे !!

अजीत तलवार
मेरठ
न करना दिल को तोड़ने वाली बात मुझ से
यह जिस्म और यह रूह नहीं है जुदा तुझसे
तू याद कर , या न कर , यह तुझे देखना है
पर इस दिल को बेपनाह मोहोब्बत है तुझसे !!

अजीत तलवार
मेरठ
दिल ने सोचा, दिल ने समझा, तो कह दिया
आप को अपना कहने का दिल ने कह दिया
रास्ते कटीले , तकदीरे उलझी सी रहती हैं
दूरी का फांसला मिटा दिया, यह हम ने कह दिया !!

अजीत तलवार
मेरठ
दोस्ती कर ली...तो क्या गुनाह कर दिया
प्यार से तुम को अपना कह दिया क्या गुनाह कर दिया
हम को अपनी जिन्दगी से ही प्यार नहीं था
आप मिल गए तो इक उम्मीद सी जगी है जेहन में !!

अजीत तलवार
मेरठ
रहनुमा बन के संवार दे जो जीवन को
उस के इंतज़ार में गुजर रही जिन्दगी
तकदीर बाकि क्या रहा है अभी देखना
क्यों तू जा कर उस को यह बताती नहीं !!

अजीत तलवार
मेरठ
दिल याद करता रहा तुम को रात भर
नींद न आ सकी..और गम सताता रहा
कब मिलना होगा अपने तलबगार से
रह रह कर यह गम हर पल सताता रहा !!

अजीत तलवार
मेरठ
भगवान न किसी को ऐसा दुःख दे..
की जीवन कठिनाइयों से भरा रहे
वो चलना चाहे सही राह पर भरोसे से
बस खुदा तू उसका साथ हर दम दे..!!

अजीत तलवार
मेरठ
दिल के बाजार में सूरत नहीं देखी जाती,
माल अच्छा हो तो कीमत नहीं देखी जाती
चाहने वालो की कहीं कमी नहीं रहती दुनिया में 
तक़दीर अच्छी हो तो फिर वसीयत नहीं देखी जाती !!

अजीत तलवार
मेरठ
तेरी तस्वीर में छुपे हैं वो राज
जिस ने कातिल कर दी दुनिया मेरी
इस को देख के किया था कभी प्यार
और इसी ने उजाड़ दी सारी दुनिया मेरी !!

अजीत तलवार
मेरठ
संगमरमर को सुंदर न कहूं तो क्या कहू
तू खुबसूरत है तो , कैसे बदसूरत कहूं
जब बक्शा है नूर रब ने अपने हाथो से तुझे
तो क्यूं..में तुझ को , न खूबसूरत कहूं. !!

अजीत तलवार
मेरठ
तेरी हुई एंट्रीयाँ..दिल में बजी घण्टिया
क्यों बजी घन्टिया, क्यूं हुई एंट्रिया
ना आती तो, न बजती घन्टिया
अब बज गयी हैं,तो मिलके बजा घन्टिया !!

ajeet talwar
Meerut
अंदाजे-इ-ब्यान ऐसा था उनका 
की में न कहते हुए हाँ कह बैठा
मेरी हाँ ने ही मुझ को दगा दे दिया
जो में उनको...न जाने क्या समझ बैठा ??

अजीत तलवार
मेरठ
खुशकिस्मत है तू, तुझे उस का प्यार मिला
मेरे दामन में तो कांटे ही कांटे भरे हुए हैं
जीवन की नाव को पता नहीं कौन खिंच रहा
हम तो यहाँ बस अपने कर्मो के सताए हुए हैं !!

अजीत तलवार
मेरठ