Tuesday 25 February 2014

महफ़िल सुनी सी थी अब तक तेरे बिन
तून चला आया यहाँ, तो गुल खिल गए
कब से तरसता है मन, तेरे मिलन के लिए
तून आया तो, अब जाकर बहार आयी है !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
उस ने कहा की तुम कुछ प्यारा सा मेरे नाम लिख दो
जितने भी जज्बात हैं तुम्हारे दिल में मेरे नाम लिख दो
जिदगी भर मैं सहेज कर रखूंगी उन सब को अपनी धरोहर की तरह
बस जो भी आज लिखना है, वो सब तुम मेरे ही नाम लिख दो !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135

Sunday 23 February 2014

pyar to pyar hi rahega
chahe jitni takraar kar lo
bite hue pal hein gawaah unke
apna kehna hai, bas pyar kar lo !!

ajeet talwar
meerut
09310334135
किस्मत से कोई किसी को मिलता है
मिलता है, न की हाथ छुड़ाने के लिए
यह तकदीरों का खेल है मेरे दोस्त
नहीं होता हाथ छुड़ाने के लिए !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
सपना सच करना तो अपने हाथ में है
तकदीरों को बदलना भी हाथ में है
मिटने से न कभी मिट सकती हैं ये
जो चाहो, अजीत , वो सब हाथ में है !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
उनको क्या पता की प्यार क्या चीज है
जिस को पैदा किया था नूर ऐ खुदा ने
तूने हिफाजत ही नहीं की कभी उसकी
उस ने तो दी थी तुझे निभाने के लिए !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
काश वो समझ पाता की यह रास्ता गुनाह का है
प्यार में अक्सर जुदाई का भी एक लम्हा आता है
न रूठ कर दिल तोड़ कर जाने की जिद किया करो
यह फ़साना तो बस फ़साना है, प्यार बढ़ाने का !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
दिल को लगाओ जरूर, यह लगाने को मिला है
पर इतना भी न लगाओ, की वो धडकना बंद कर दे
न इलाज हो उसका न कोई समझे इस हसरत को
बस यूं बे वजह ही न धड्काओ,की वो खुद बंद कर दे !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
चांदनी ने चाँद से एक दिन कह दिया
किस बात का गुमान है तुमको
क्यूं नाज करते हो, 
हिम्मत हो तो अकेले आ जाना
कुछ दिखा जाना, दुनिया के सामने
अपना प्रकाश फैला जाना
चाँद ने कहाँ, नहीं गुमान करता में
जैसे प्रेमी और प्रेम करने वाले
बराबर हैं न,
बस तू वो ही है मेरे लिए 

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
कष्ट की इक रात को काटने में
न जाने कितना समय गुजर गया
सुख की हर रात को कभी मुझे
गिनती करने की जरूरत ही नहीं पड़ी !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
में आँखों को खोल कर 
ऊपर देखता रहा रात भर
की शायद कुछ चमक सी
नजर आ जाये "उनकी " !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
तेरी यादों ने इतना सताया की
आँखों में आंसू बहने लगे
बस यह दुआ करते रहे की
रात गुजर जाये, और वो आयें !!

अजीत तलवार
मेरठ
093101334135
तुझे भूलना तो चाहा, पर न भूला पाए
कैसे भुला पाते, तुम कौन सा थे हम से पराये
बीती बातो ने तुम्हारी चैन को छीन कर
कोशिश की तुम को भुलाने की, पर न भुला पाए !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
जैसे शराबी को शराब जुदा नहीं कर सकती
वैसे ही प्रेमी को प्यार जुदा कर नहीं सकता
नशा दोनों का अपनी जगह पर बड़ा कायर है
या वो खत्म कर लेता है, या वो खत्म कर देती है !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
यह प्यार का बंधन है मेरे दोस्त
बांध कर ही चलना परवाह न करना
सुना हैं, शक इस की पहली गलती है
सजा ऐसी, की जुदाई के सिवा कुछ नहीं मिलता !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
चेहरे पर मर मिटते हैं मरने वाले
हर गम को भी सहते हैं सहने वाले
कसक अपने प्यार बिना हाजिर किये
चुपचाप चले जाते हैं, प्यार करने वाले !!

अजीत तलवार
मेरठ
आजमा लेना , जब तेरा जी चाहे
हम हमेशां खड़े मिलेंगे चौराहे पर
हम को तो प्यार है 
उस सड़क पर 
निकलते चौराहे की तरहां
जिस पर से न जाने कितने 
गुजरते हैं रौंदने वाले !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135
महफ़िल सुनी सी थी अब तक तेरे बिन
तून चला आया यहाँ, तो गुल खिल गए
कब से तरसता है मन, तेरे मिलन के लिए
तून आया तो, अब जाकर बहार आयी है !!

अजीत तलवार
मेरठ
09310334135

Thursday 20 February 2014

जी करता है कि सारा , जहाँ समेट लूं अपनी आगोश में
खुशिओं का एक नया संसार सजा लूं , अपनी आगोश में !
काश मेरे पास इतना वक्त और मिल जाता, तेरे लिए
पुरे जन्नत कि कायनात उत्तार देता में, तेरी आगोश में !!
में जो यूं मुस्कुरा रहा हूँ,
बस अपने गमो को छुपा रहा हूँ
मुस्कुराने कि मेरी आदत है यह
इस लिए जीने कि चाहत जगा रहा हूँ !!

रोकना मैंने कभी सिखा नहीं
चकल मंजिल को अपनी पाना है
जीवन को जीना भी तो एक कला है
इस लिए यह कला सब में जगा रहा हूँ !
रफ्ता रफ्ता जिन्दगी यूं ही कट जाएगी
मिलने कि उस हरि से मजिल मिल ही जाएगी
लाख तूफ़ान आते हैं सब कि जिदगी में
घबराना न सीखो, रफ्ता रफ्ता मजिल मिल ही जाएगी

अजीत कुमार तलवार
इतनी मोहब्बत करते हैं तुमसे
कि खुद अपने को भुला बैठे हैं
काफिला दिल में अरमानो का महकता है
क्या समझे , अब कहाँ जाकर हम
किस को दास्तान अपनी सुनाते हैं !!

काश , खुद ही चले आओ, बन कर
बहार , इस सर्द मौसम की गुलाबी
गुलाबी हवाओं के सहारे
ध्यान हर पल आपका सताता है
कि वो कैसे हैं इस सर्द मौसम में !!
झूठ कहने को लोग सच समझ लेते हैं
और सच कहने पर विशवास नहीं करते हे.
क्या होगा इस दुनिया का 
जब सच कहने से ऐतबार नहीं करेंगे
पता नहीं कितने लोग बेमौत तब मरेंगे
लिखने वाले ने लिख डाली
मिलन के साथ जुदाई
रबा मेरे आज तो दिखा दिया
अगली वारी एह न दिखाई
कुदरत तून बहुत खूब है,
तेरे रंगों को मेरा सलाम
तून आगे आगे क्या दिखता है
यह जानने को तूने रखा मुझे जिन्दा है !!
तन को धोता है तून प्राणी 
मल मल के रोजाना
काश अपने मन को भी 
ऐसे ही धोता रहेगा...

तो तेरा जीवन सफल हो जाएगा...

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
फूलों से प्यार करने वालो
काँटों से भी प्यार करा करो
पहले यही तो एहसास दिलाया
करते उनका खिलने का !
क्या हुआ , जो मैने लिख दिया, आज एक फ़साना सच का
अच्छा लगे तो रख ले, वरना जला दे आज जाकर लोहड़ी में

बुराई तो सर चढ़ के बोलती है, नहीं तो आजमा कर देख ले
सही ही तो कहा है मैने, जा जाकर अपने पडोसी से पूछ ले

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
तेरे चेहरे की हर बात पता चल जाती है
तेरे दिल का हर राज यह बता देती है
तेरी दुःख दर्द की हर दास्ताँ बयां होती है
शुक्रिया इन आँखों का करता है यह दिल
तो तेरे हर जज्बात मुझे बता देती है !!
इंसान अगर अपनी सोच को
अच्छा रखेगा तो

सब काम अपने आप ही
सुंदर लगने लगेंगे !!!!!!

अजीत कुमार तलवार "करूणाकर"
मेरठ
किसी की प्रेरणा से कुछ काम किया तो
अच्छी बात है, कुछ तो अच्छा किया

पर कुछ ऐसा आप भी कर के दिखा दो,
की आपको देखकर, कुछ को प्रेरणा मिल जाये !!
सुन्दरता चेहरे से नहीं
अपने चरित्र से हुआ करती है
सुंदर तो हिरन भी था
जिस के पीछे शेर पड़ गया !!
किसी को अगर भटकते हुए, 
सही राह , सही समय पर
दिखा दी, तो आपका जन्म 
सफल हो जायेगा, मेरा मानना है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
बड़ा खुदगर्ज है जमाना
चाहत अपनी में सब चाहता है
न कर सको मर्जी उसकी तो
झट से वो झटका जाता है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
आना है अगर आपको 
मेरी जिन्दगी में 
तो सोच कर आना ,
की, फिर वापिस नहीं जाना है !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
तून मेरे दिल से प्यार कर
क्या रखा है इस जिस्म में
यह तो हाथ के मैल की तरह हैं
न जाने कब दगा दे जाये !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
कुछ लोग खुद फंसते हैं
किसी दूसरे के जाल में
फिर जब फंस जाते हैं
तो निकलने का रास्ता 
भी फंसा लेते हैं !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
आजकल का प्यार शुरू होता है 
मोबाइल की तरह हर रोज काल से
और खत्म जब होता है तो 
बैलेंस के लायक नहीं रह जाता दोस्त !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
कुछ को आदत है, की रोजाना कपड़ों की तरह
में अपने चाहने वालो को भी बदल डालूँ
पर सोच लेना प्यार का इजहार करने वालो
इस चीज की कुछ मियाद नहीं हुआ करती !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
प्यार तो हर इंसान करता है, 
पर कुछ लोग प्यार को 
कुछ दूजा नाम देकर
दिल पर वार कर जाते हैं !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
इश्क का भूत न सर पर सवार हो जाये
बस इतना सा ध्यान रखना मेरे यार
ऐसा न हो की इतनी दूर चला जाये तू
की वापिस लाने को मुझे खुदा से कहना पड़े !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
काश ! की तून लौट आता मेरी जिन्दगी में
तेरे बिना सूनी सी हो गयी हैं जीवन की राहें
बड़ा बेदर्द होता जा रहा है, ओ मेरे सितमगर
हमेशां फैली रहती हैं , तेरे लिए मेरी ये बाहें !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
जालिम हैं जमाने की नजरे
जरा बच के निकल जाना
फिर न कहना की में अपनी
कशमकश में, देखना भूल गया !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ
kisi par shabdon ke teer chale na chale
par mujh par wo tumhare waar kar gaye
socha tha ki aaj kuch na kahoonga unse
par wo haalat se majboor mujhy kar gaye !!

ajeet kumar talwar
meerut